पावरफुल एटमी मिसाइल अग्नि 5 का टेस्ट कामयाब
चांदीपुर/नई दिल्ली. भारत की सबसे लंबी रेंज वाली पावरफुल न्यूक्लियर मिसाइल अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड से टेस्ट किया गया। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के मुताबिक, यह 5000 किमी तक रेंज कवर कर सकती है। ईस्ट में चीन, फिलीपींस और वेस्ट में यूरोप के इटली तक यह मिसाइल पहुंच सकती है। भारत इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने वाला पांचवा देश है। अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन हमसे पहले इस तरह की मिसाइल डेवलप कर चुके हैं।
अग्नि-5 सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम से इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज की मिसाइल है। इसका यह चौथा टेस्ट है। दूसरे और तीसरे टेस्ट से यह बात साबित हुई थी कि यह मिसाइल 20 मिनट में टारगेट को हिट कर सकती है। 19 अप्रैल 2012 को अग्नि का पहला, 15 सितंबर 2013 को दूसरा और 31 जनवरी 2015 को तीसरा टेस्ट हुआ था। साइंटिस्ट्स की मानें तो अग्नि-5 का नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम उसे खास बनाता है। मिसाइल में रिंग लेजर गायरो बेस्ड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम (RINS) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (MINS) टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे सटीक निशाना लगाने में मदद मिलती है।
अग्नि में 85% स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नीक के इस्तेमाल से एकसाथ कई टारगेट पर वार कर सकेगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नरेंद्र मोदी और डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने कामयाबी के लिए बधाई दी है।
क्यों खास है अग्नि?
1000 किलो तक वॉरहेड ले जा सकती है। 17 मीटर लंबी अग्नि-5 का वजन 50 टन है। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनस्टर टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से मिसाइल को आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता।
मिसाइल की तीन स्टेज हैं। ये सॉलिड फ्यूल से चलती है। कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे। एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा।
मिसाइल की तीन स्टेज हैं। ये सॉलिड फ्यूल से चलती है। कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे। एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा।
पावरफुल एटमी मिसाइल अग्नि 5 का टेस्ट कामयाब
Reviewed by Editor :- Abdul Hafeez
on
6:22 am
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